जो अपनी मेहनत से कुछ कर दिखाएं वही तो महान है।
सपने मत देखो लक्ष्य बनाओ। पढ़ाई में मेहनत के आगे जब हर चीज फीकी लगने लगे, रात में नींद ना आए और सुबह की नींद तोड़कर तू उठने लगे तो समझ लेना तुम तैयार हो।
सुबह के नाश्ते और रात के खाने की फिकर ना लगे, अनजान सी ये किताब 📚 जब दोस्त लगने लगे तो समझ लेना तुम तैयार हो!
तुम तैयार हो और तुम्हारा समय आने वाला है!
जब तुम्हारे पीछे यह सारा जमाना चलने वाला है!!
सपने तो सब देख लेते हैं लेकिन पूरे नहीं कर पाते! हार जाते हैं कुछ लोग क्योंकि वह खुद से जीत नहीं पाते!!
अगर कुछ कर दिखाना है तो नींद चैन को त्यागने का इरादा करो!
जितना सोचते हो कोशिश उससे ज्यादा करो!!
हार नहीं मानोगे कभी खुद से यह वादा करो!!!
क्या तुम नहीं चाहते कि जब तुम टॉप करो तो तुम्हारे मां-बाप की आंखों में खुशी के आंसू आ जाए। तुम नहीं चाहते कि जब तुम जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करो, तो अपने मां-बाप के उन अधूरे सपनों को पूरा कर पाओ, जो शायद उन्होंने तुम्हारी तरक्की के लिए त्याग दिए थे।
जब भी मन में ये विचार आए की आज तो मैंने बहुत पढ़ लिया, आज के लिए इतना ही काफी है, अब सो जाता हूं। तो याद कर लेना, तुम्हारी यही सोच तुमको जिंदगी में बहुत पीछे ले जाएगी।
अपने मन से कहो, ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। अभी बहुत कुछ करना बाकी है, अभी और पढ़ना बाकी है।
अपनी जिंदगी के लिए कुछ अच्छा और कुछ बड़ा सपना तो सोचा होगा और यह भी जानते होंगे कि सपने देखने से मात्र सपने सच नहीं होते हैं, बल्कि उन्हीं के लिए दिन रात खुद से जंग लड़नी पड़ती है।
अपनी बुरी आदतों को बदलना पड़ता है। क्योंकि अगर आपने अपनी बुरी आदतों को नहीं बदला तो यह आदतें आपका वक्त बदल देती है। और आपको वह दिन देखने पड़ते हैं, जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती है।
सबसे बुरी आदत है, आपका यह सोचना के आज के लिए बस इतना ही काफी है। अरे दोस्त इतना काफी नहीं है! दोस्त इतना काफी नहीं है!!
तुम्हारी जिंदगी का मकसद पूरा करने के लिए इतनी मेहनत काफी नहीं है। खोलो इन किताबों को, इन में अपना सुनहरा भविष्य देख लो।
तुम्हारे हर सवाल का जवाब, तुम्हारी बंद किस्मत की चाबी इन किताबों में है। और जिस दिन तुमको यह बात समझ में आ गई तो याद रख लो कभी पढ़ते समय नींद नहीं आएगी।
अभी तक कही गई बातें समझ में आ गई है तो एक बार फिर से खुद को याद दिलाओ की तुम क्या बनना चाहते हो। क्या हासिल करना चाहते हो, और पूछो खुद से कि जितनी मेहनत अभी कर रहे हो, क्या वह काफी है?
सच कहूँ तो जवाब ना ही आएगा और इस ना को हाँ में बदलना तुम्हारा काम है। मेरा काम था तुमको याद दिलाना जो मैंने कर दिया। लेकिन बस इतना याद रखना जब तक सिग्नेचर ऑटोग्राफ ना बन जाए तब तक रुकना मत।
Sir bhaut acha padte h or sath m bade se bade concept or principals ko bhaut short karke samjte h
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